
वो आज मेरे को जिंदा देख कर बोली,
तुमको बद्दुआ भी नहीं लगती क्या?

तुम सच में मेरी मोहब्बत हो या फिर आँखो का फरेब है,
ना तो दिल से निकलती हो, ना ही जिंदगी मे आती हो !.!

मुझसे तुम बस मोहब्बत कर लिया करो,
नखरे करने में वैसे भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं!

ऐसे ही नही बन जाते गैरो से गहरे रिश्ते,
कुछ खालीपन अपनों ने ही दिया होगा..!!

वैसे मेरा कुछ भी लिखना जायज़ है
उम्मीद ही नहीं करता क़ोई पढे मुझे..💔

जब तुम खामोश
रहते हो…,
कसम से बहुत
शोर करते हो…!!