
Gulzar sahab Quotes
सोचा था लिखूंगा तेरे और मेरे वफ़ा के किस्से,
पर यार तूने तो स्याही में ही बेवफ़ाई घोल दी!
बेपनाह चाहने से लेकर बेपरवाह
हो जाने तक का सफर इश्क होता है!
मेरा पूरा दिन सुस्ती में ही बीत जाता है,
पर जब तुम से मिलता हूँ तो ये दिल स्वस्थ हो जाता है
शायद ये ही इश्क़ है

हो नसीब में तुम पता नही हमे
बस एक उम्मीद पे जीता हुँ।
gulzar movies

Gulzar Sahab Quotes
आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए
आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए

“बेरोज़गार” सी हो गई है ज़िन्दगी अपनी
मोहब्बत की नौकरी पर रख लो मुझे